शुक्रवार, अप्रैल 15, 2011

पुणे में जुड़े हैं बलवा से पवार के तार

 केंद्रीय कृषि मंत्री और एनसीपी चीफ शरद पवार भले ही यह कह रहे हैं कि उनका 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि यह पूरा सच नहीं है। पवार की बेटी सुप्रिया सुले और उनके पति सदानंद की पुणे के पंचशील रियल्टी के पंचशील टेक पार्क वन प्रोजेक्ट में चार प्रतिशत की हिस्सेदारी है, जिसके सीधे-सीधे संबंध डीबी रियल्टी से है।

गौरतलब है कि सीबीआई के सामने राडिया ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि मुंबई में यह आम धारणा है कि डीबी रियल्टी को शायद शरद पवार नियंत्रित करते हैं। शायद उन्होंने स्वान टेलीकॉम के लिए स्पेक्ट्रम और लाइसेंस के मुद्दे को लेकर पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा पर दबाव भी डाला था। राडिया का यह बयान सीबीआई के आरोप पत्र का हिस्सा है। लेकिन इसमें राडिया ने खुद यह भी कहा है कि मेरे पास साबित करने के लिए कोई प्रमाण नहीं है। पवार ने कहा कि यह बयान बेबुनियाद और झूठ है। राडिया के इस दावे को इतना महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। लेकिन, शाहिद बलवा की डीबी रियल्टी और पंचशील रियल्टी में सीधा संबंध पुणे के येरवडा की 15 हजार करोड़ रुपए मूल्य की करीब 19 एकड़ जमीन के विकास से जुड़ा है।

पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (पीएमसी) और जिला कलेक्टर कार्यालय में मौजूद दस्तावेजों के अनुसार पंचशील टेक पार्क वन आईटी प्रोजेक्ट और डीबी रियल्टी (हिलसाइड कंस्ट्रक्शन प्रा.लि.) के द ग्रांड हयात फाइव स्टार होटल प्रोजेक्ट की जमीन के सर्वे क्रमांक 191 (ए) को दो हिस्सा नंबरों में नहीं बांटा गया है।जमीन के बंटवारे के साथ ही मुख्य सर्वे नंबर में जमीन के टुकड़ों को अलग-अलग हिस्सा नंबर आवंटित किए जाते हैं।अलग-अलग हिस्सा नंबर लिए बिना यदि दो कंपनियां काम कर रही है तो टाउन प्लानर्स के मुताबिक उनमें आपसी सहमति या भागीदारी निश्चित है।

पंचशील टेक पार्क वन के मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल चोरडिय़ा का कहना है कि डीबी रियल्टी और पंचशील रियल्टी का सर्वे नंबर एक ही था, लेकिन पंचशील का सिटी सर्वे नंबर (2175) अलग है। दूसरी ओर राज्य के टाउन प्लानिंग विभाग के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर रामचंद्र गोहद का कहना है कि अलग हिस्सा नंबर नहीं लिए गए, जिससे यह साबित होता है कि जमीन बांटी नहीं गई। सिटी सर्वे नंबर सिर्फ जमीन पर प्लॉट की स्थिति बताता है।

क्या शरद पवार के डीबी रियल्टी के साथ संबंध हैं?
अप्रत्यक्ष रूप से तो है। उनकी बेटी सुप्रिया सुले की एक फर्म में हिस्सेदारी है, जिसे डीबी रियल्टी से फायदा पहुंचा।

कैसे जुड़ रहे हैं तार...
पंचशील रियल्टी और डीबी रियल्टी दोनों प्रोजेक्ट एक ही सर्वे नंबर 191 (ए) में आते हैं। दोनों ने अलग-अलग हिस्सा नंबर भी नहीं लिया। टाउन प्लानर्स का कहना है कि हिस्सा नंबर एक होने से मतलब साफ है कि आपसी सहमति से जमीन विकसित की गई है।
पुणे ट्रस्ट : मुकुंद भवन ट्रस्ट ने येरवडा में स्थित जमीन डीबी रियल्टी को पुणे के पूर्व कलेक्टर श्रीनिवास पाटिल की मदद से ट्रांसफर की। पाटिल ने बाद में एनसीपी की सदस्यता ले ली।

सेल डीड (विक्रय पत्र) बताता है कि इस जमीन को विकसित करने के अधिकार डीबी रियल्टी को थे। पंचशील रियल्टी के प्रमोटर अतुल चोरडिय़ा है। अतुल के पिता ईश्वरदास और शरद पवार पुणे बृह्न महाराष्ट्र कॉलेज ऑफ कॉमर्स (बीएमसीसी) में क्लासमेट थे। 

दिसंबर 2003 : ट्रस्ट ने डीबी रियल्टी से येरवडा के सर्वे क्रमांक 191(ए) की जमीन के हिस्से को विकसित करने का करार किया। 
शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और उनके पति सदानंद की पंचशील टेक पार्क वन प्रोजेक्ट में 4 फीसदी की हिस्सेदारी है।

पंचशील रियल्टी ने इस जमीन पर पंचशील टेक पार्क वन (आईटी पार्क) प्रोजेक्ट विकसित किया है।
फरवरी 2004 : ट्रस्ट और डीबी रियल्टी के ले-आउट प्लान को पीएमसी ने पास किया और मई में पंचशील ने जमीन का हिस्सा 7 करोड़ में खरीदा।

विनोद गोयनका डीबी रियल्टी के डायरेक्टर हैं, जिनके पिता को शरद पवार पिछले 35 साल से जानते हैं।

डीबी रियल्टी इस प्लॉट पर 5 स्टार ग्रांड हयात होटल बना रही है। कंपनी के प्रमोटर शाहिद बलवा 2जी घोटाला मामले में सजा काट रहे हैं।

सर्वे नंबर 191 (ए) की जमीन अस्पताल, हाईस्कूल और खेल के मैदान के लिए आरक्षित थी। महाराष्ट्र सरकार ने 2007 में आपत्तियों के बावजूद यह बाध्यताएं समाप्त की

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